हेलो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे की बिहार में 20 अगस्त से पूरे राज्य में जमीन का सर्वे शुरू हो चूका है। ये सर्वे बिहार के 45 हजार से ज्यादा गांवों में किया जाएगा। इस सर्वे का मकसद है कि जमीन से जुड़े विवादों का निपटारा हो सके और सही जमीन सही मालिक को मिले। इस सर्वे को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं, जैसे अगर किसी के पास जमीन के कागजात नहीं हैं, तो क्या होगा? या किसी ने उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया है, तो क्या करें? आइए, इन सवालों के जवाब जानते हैं।
1- गैरमजरूआ खास और बकाश्त जमीन के मालिक चिंतित क्यों हैं?
गांवों में गैरमजरूआ खास या बकाश्त जमीन वाले लोग इस बात से चिंतित हैं कि कहीं उनकी जमीन सरकार ना ले ले। जानकार बताते हैं कि अगर आपके पास गैरमजरूआ खास जमीन है और वह खतियान में दर्ज है, तो आपको परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। सरकार सर्वे के दौरान इस जमीन को आपके नाम पर ही दर्ज करेगी। लेकिन अगर आपकी जमीन गैरमजरूआ आम जमीन है, जो सरकारी जमीन मानी जाती है, तो उस पर सरकार का हक होगा, और वो जमीन सरकार ले सकती है।
2- जमीन के कागजात नहीं हैं तो क्या होगा?
अगर आपके पास जमीन के कागजात नहीं हैं, तो भी घबराने की जरूरत नहीं है। विशेषज्ञ कहते हैं कि आपके आसपास के लोगों के पास जो जमीन के कागजात हैं, उनकी मदद से आपकी जमीन का भी पता चल जाएगा। अगर आपकी जमीन पर आपका कब्जा है और वह जमीन आपकी है, तो कागजात का न होना कोई बड़ी समस्या नहीं है।
3- जमीन का मामला कोर्ट में चल रहा है, तो सर्वे में क्या होगा?
अगर आपकी जमीन का मामला कोर्ट में चल रहा है और इस बीच सर्वे हो जाता है, तो फिलहाल जमीन जिस स्थिति में है, सर्वे में वही दर्ज होगा। लेकिन सर्वे करने वाले यह भी लिखेंगे कि यह मामला कोर्ट में है। कोर्ट के निर्णय के बाद सर्वे में उस जमीन का विवरण भी बदल जाएगा।
4- खतियान में नाम है, लेकिन किसी ने कब्जा कर लिया है, तो क्या करें?
अगर आपके पूर्वजों के नाम खतियान में दर्ज है, लेकिन किसी ने उस जमीन पर कब्जा कर लिया है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। ब्लॉक में काउंसलिंग सेंटर लगाए जा रहे हैं, जहां पर आप अपनी समस्या का समाधान पा सकते हैं। अगर आपने कभी जमीन नहीं बेची है और वह खतियान में आपके परिवार के नाम पर दर्ज है, तो थोड़ा संघर्ष करना पड़ेगा, लेकिन वह जमीन आपकी ही रहेगी। आप अपने ब्लॉक के भूमि समाहर्ता से मिलकर अपनी जमीन वापस पा सकते हैं।
5- 50-60 साल पहले जमीन खरीदी है, लेकिन दाखिल-खारिज नहीं हुआ, तो क्या करें?
अगर आपने 50-60 साल पहले जमीन खरीदी थी, लेकिन अभी तक उसका दाखिल-खारिज नहीं हुआ है, तो भी चिंता की कोई बात नहीं है। आप ब्लॉक में जाकर दाखिल-खारिज के लिए आवेदन कर सकते हैं। वहां पर भूमि अपर समाहर्ता से आपका लगान निर्धारित होगा और लेट फीस के साथ दाखिल-खारिज हो जाएगा। अगर आपके पास जमीन का मालिकाना हक है, तो आपकी जमीन सुरक्षित रहेगी।
6- कागज खो गया है और कोई दूसरा कब्जा कर चुका है, तो क्या करें?
अगर जमीन के कागजात खो गए हैं और कोई दूसरा व्यक्ति उस जमीन पर कब्जा कर चुका है, तो भी उम्मीद है। खतियान में आपके पूर्वजों का नाम होगा, जो साबित करेगा कि वह जमीन आपकी ही है। अगर कोई कब्जा कर चुका है, तो आप वंशावली बनाकर कोर्ट में केस कर सकते हैं। सरकार भी कह चुकी है कि अगर मालिकाना हक आपके पास नहीं है, तो चाहे कितने ही समय से आप उस जमीन पर कब्जा किए हुए हों, आप अतिक्रमणकारी माने जाएंगे। कोर्ट के आदेश के बाद सरकार आपको आपकी जमीन वापस दिला सकती है।
FAQs
क्या भूमि सर्वे के बाद जमीन पर कोई नया टैक्स लागू होगा?
भूमि सर्वे के बाद जमीन के सही रिकॉर्ड के आधार पर अगर कोई बदलाव होता है, तो सरकार नए टैक्स या शुल्क के बारे में जानकारी देगी। यह आपकी जमीन के प्रकार और उपयोग पर निर्भर करता है।
अगर मैं अपनी जमीन को बेचना चाहता हूँ, तो भूमि सर्वे का क्या फायदा होगा?
भूमि सर्वे के बाद आपकी जमीन के सभी रिकॉर्ड सही और अपडेट होते हैं, जिससे बेचने की प्रक्रिया में पारदर्शिता आती है और खरीदार को भरोसा मिलता है।
भूमि सर्वे की जानकारी ऑनलाइन कैसे देखी जा सकती है?
बिहार भूमि सर्वे की जानकारी ऑनलाइन देखने के लिए आप राज्य सरकार के भूमि पोर्टल पर जा सकते हैं, जहां सर्वे का डेटा उपलब्ध होता है।
भूमि सर्वे के बाद मुझे कौन-कौन से कागजात प्राप्त होंगे?
सर्वे के बाद आपको भूमि का नक्शा, खसरा नंबर, और अन्य संबंधित कागजात प्राप्त होंगे, जिन्हें आप अपने रिकार्ड्स में रख सकते हैं।