मैं आपको बता दू की आपके बिहार के तकरीबन 45 हजार गांव में Bihar Land Survey का कार्य इन दिनों काफी जोरों से चल रहा है। इस बात को लेकर आप लोगों के मन में बहुत तरह के सवाल आ रहे होंगे। आप लोग यह जानना चाहते होगे की अगर आपके जमीन का रजिस्टर्ड बंटवारा नहीं हुआ है तो जमीन का खतौनी किसके नाम पर बनेगा। तो आइये आज हम इससे जुड़े जवाबों को विस्तार से जानते हैं।
Bihar Land Survey से सम्बंधित कुछ मुख्य बिंदु
बिहार भूमि सर्वे से सम्बंधित यहाँ कुछ मुख्य बिंदुओं को वर्णित किया गया है जो इस प्रकार से हैं :
- आपकी जमीन के बिना रजिस्टर बंटवारे के भूमि पर अधिकार की स्थिति की स्पष्ट रूप से नहीं होती है। जिससे कि कानूनी कहां हो सकता है।
- खतौनी में आपका नाम लिखा हुआ होना चाहिए जिससे कि बंटवारा रजिस्ट्री होना बहुत जरूरी है।
- अगर आपका जमीन आधिकारिक रजिस्टर्ड बटवारा नहीं हुआ है तो उससे आपके भूमि में कहासुनी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है और भूमि के कब्जे या फिर इस्तेमाल में समस्या भी आ सकती है।
- राजस्व विभाग को भी आपके जमीन के बंटवारे का रिकॉर्ड चाहिए होता है जिससे कि करो का सुनिश्चित और भुगतान को सही तरीके से किया जा सके।
अगर आप इस जानकारी के बारे में नही जानते है तो चलिए आज हम आपको इससे जुड़ी कुछ जरुरी बातों को बताएंगे जिसको आप फॉलो अप करके आसानी से समझ एवं अपने सवालों के जवाब आसानी से पा सकते हैं।
आपके राज्य में Bihar Land Survey का कार्य जोरों से चल रहा है इसके तहत जमीन को बदलने के लिए बोल करके समझौता इसका कोई मतलब नहीं है। आप सबको समझौते के लिए रजिस्टर्ड फाइल की जरूरत है और हा आपके पास जमीन को बदलने के लिए रजिस्टर्ड फाइल होना चाहिए तभी जाकर के खतौनी आपका नाम से बन सकता है।अगर समझौता रजिस्टर नहीं है तो इस स्थिति में जो असली मालिक है उसी के नाम पर खतौनी बनेगा आपको बता दे की पारिवारिक बंटवारे के लिए भी रजिस्टर्ड फाइल की जरूरत पड़ती है।
बटवारा यदि बोलकर हुआ है तो जुड़ा हुआ खतौनी बनेगा सबका कहना यह है कि अधिकारियों के अनुसार स्वघोषणा के समय पर जमीन का लंबाई चौड़ाई, कितना जमीन है, कृष्ण की जानकारी, जमाबंदी या फिर भूमि राजस्व राशिद की फोटो कॉपी, खतौनी की कॉपी इत्यादि फाइल को भी देना पड़ेगा।
बटवारा रजिस्टर्ड नहीं हुआ है तो क्या होगा
आपकी जमीन का बंटवारा रजिस्टर्ड अगर नहीं है तो उस स्थिति में आपकी जमीन का खतौनी संयुक्त रूप से बनाया जाएगा इसका यह मतलब है कि जमीन से जुड़े असली मालिकों के नाम पर ही खतौनी को तैयार किया जाएगा। आपके पास रजिस्टर्ड फाइल नहीं है तो उस स्थिति में किसी एक व्यक्ति के नाम पर खतौनी को नहीं बनाया जा सकता है। क्या आप चाहते हैं कि आपके नाम पर ही बंटवारा हो तो बंटवारे का रजिस्टर्ड भी होना जरूरी है।
सरकारी जमीन क्या है
आपको बताते हुए मुझे खुशी हो रही है कि सरकारी जमीन वह होता है जो की सरकार के राजस्व में होता है। पब्लिक लक्ष्य के लिए किया जाता है। जैसे की सड़क, स्कूल, हॉस्पिटल, सरकारी कार्यालय अन्य पब्लिक व्यवस्था के लिए शामिल हो सकता है। सरकारी जमीन का ट्रांसफर या फिर बेचना आमतौर पर कानूनी नियम और प्रक्रिया के तहत होता है जानकर यह आपको अच्छा लगेगा कि इसका लक्ष्य सामाज का सेवा करना है और पब्लिक संसाधनों का सही रूप से इस्तेमाल भी करना है।
कब होगा सरकार की जमीन
कोई ऐसी जमीन हो जो कि आपका कब्जे में है लेकिन आपके पास राजस्व से जुड़ा अगर कोई पेपर नही है तो आप को बता दे कि ऐसे स्थिति में जमीन का जो भी असली मालिक है उसको ही खोजा जाएगा। और हा अगर असली मालिक नही मिलता है तो उस जमीन को बिहार सरकार को दे दिया जाएगा।
अपील करने के लिए कितना मौका मिलेगा
फाइल्स के सत्यता की जांच पड़ताल और जमीन की मापी के बाद किसानों को खतौनी मिल जाएगा और आपको बता दे की नई खतौनी में खसरा नंबर को भी बदल दिया जाएगा। आपको भू- नक्शा भी मिलेगा जिसमे की गलती होने पर अपील करना पड़ सकता है। गलती को ठीक करने के बाद अधिकारी 12 फॉर्म को जारी करेंगे, अगर इसमें भी गलती होती है तो 14 फार्म के जरिए से दोबारा आप अपील करके सुधार करवा सकते हैं इसके बाद भी सुधार नहीं होता है तो 21 फार्म के माध्यम से अपील करना पड़ सकता है।
सर्वे की जानकारी को आप कहां से ले सकते हैं
आप अपने गांव या शहर के सर्वे की स्थिति को जानने के लिए dlrs.bihar.gov.in/surveysatatus.axpx पर जाकर आप स्थिति जान सकते हैं। अलग-अलग चरणों और प्रपत्रों की जानकारी के लिए आप dlrs.bihar.gov.in/manual पर जा सकते हैं, ऑनलाइन स्वघोषणा पत्र को जमा करने के लिए dlrs.bihar.gov.in/Raiyat2tditail.axspx या फिर प्रत्येक चरण के प्रक्रिया की जानकारी के लिए dlrs.bihar.gov.in/sevice पर भी लॉगिन कर सकते हैं।
हेल्प नंबर- 0612-2280012
FAQs
खतौनी किसके नाम पर बनेगी?
यदि जमीन का रजिस्टर्ड बटवारा नहीं हुआ है, तो खतौनी आमतौर पर उस व्यक्ति के नाम पर बनेगी जो वर्तमान में जमीन का वास्तविक मालिक है या जिसका कब्जा है। अगर कोई कहासुनी है तो प्रशासनिक अधिकारी फैसला ले सकते हैं।
रजिस्टर्ड बटवारा क्यों आवश्यक है?
रजिस्टर्ड बटवारा कानूनी दृष्टिकोण से जरूरी होता है ताकि भूमि के स्वामित्व में स्पष्टता बनी रहे। इससे यह सुनिश्चित होता है कि भूमि का वितरण कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त है और सभी जुड़े पक्षों के अधिकार सुरक्षित हैं।
रजिस्टर्ड बटवारे के बिना खतौनी में नाम कैसे जोड़ें?
यदि बटवारा रजिस्टर्ड नहीं है, तो आप जिला अधिकारी या पटवारी से संपर्क कर सकते हैं। वे आपकी स्थिति की जांच कर सकते हैं और जरूरी फाइल्स के आधार पर उचित कारवाही कर सकते हैं।
रजिस्टर्ड बटवारा न होने पर कानूनी समस्याएं क्या हो सकती हैं?
बिना रजिस्टर्ड बटवारे के, भविष्य में भूमि कहासुनी उत्पन्न हो सकते हैं। यह भी संभव है कि कानूनी कहासुनी के समय स्वामित्व की पुष्टि करने में कठिनाई हो सकती है।